Khamoshi Shayari : कई बार हम अपने दिल की बात को जुबान से बयाँ नहीं कर पाते हैं। ऐसे में हमारी खामोशी ही हमारा साथ देती है। हर खामोशी के पीछे एक बड़ी ही दिलचस्प कहानी होती है। जब कोई खामोश होता है तो वह सबसे ज्यादा अपने आप से बातें कर रहा होता है। अगर आपके विचार सकारात्मक है तो आपको खामोशी एक सफल इंसान बना देती है। यदि आपके अंदर नकारात्मक विचार चल रहे है तो ये खामोशी आपको बर्बाद कर देती है। तो यदि दोस्तों आप खामोशी से रिलेटेड शायरियों को सर्च कर रहे हैं तो आप बिल्कुल सही वेबसाइट पर आए है।
आज के ब्लॉक पोस्ट में हमने आपके लिए मोहब्बत में खामोशी पर कुछ यूनिक और मजेदार शायरी का कलेक्शन तैयार किया है। इस पोस्ट में हमने khamoshi status in hindi, Khameshai par shayari in hindi शेयर कर रहे है।
Khamoshi shayari
खामोश रहती है वो
फिर भी सवाल करती है
उसकी ये कातिल आंखें
मेरे दिल में बवाल करता है.!!
अल्फाज को रखा है हमने
इश्क के हिफाजत मैं
खामोशी लापरवाह है
अक्सर रिश्ते खो देती हैं..!
मेरी इस खामोशी को
मेरी कमजोरी समझने वालो
बस हमने शौक नही पाना
घाव के निशान देने वालो..!
वो मुकम्मल था मेरी
चाहत ने कही मैं अधूरी थी
उसकी ख़ामोशी में कही..!
तमाम शिकायते
इस दिल की भी है
तुझसे पर किस हक
से नाराजगी जताऊं
बस यही सोचकर हर
बार खामोश रह जाता हूं..!
रह लेती थी खामोश
अक्सर क्योकि
मुझे अपने गमो की
नुमाइश ना मंजूर थी..!
खामोश होंठ अक्सर
कुछ बयान करते है
आंखों से आंसू गुमनाम बह जाते है
लव चाहते है कुछ बोलना पर
उन्हे देखकर खामोश हो जाते है..!
khamoshi shayari in hindi
तड़प रहे है हम तुमसे एक अल्फाज के लिए
तोड़ दो खामोशी हमें जिन्दा रखने के लिए !
मेरे चुप रहने से नाराज ना हुआ करो
गहरा समंदर हमेशा खामोश होता है !
मोहब्बतें मे नुमाइश की जरूरत नहीं होती
ये तो वो जज्बा है जिसमे खामोशी भी गुनगुनाती है !
चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह
लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह !
कुछ तो है हमारे बीच में,
वरना तू खामोश ना होता,
और मैं तेरी खामोशी
पढ़ नहीं रही होती
चलो अब जाने भी दो क्या करोगे दास्तां सुनकर
ख़ामोशी तुम समझोगे नही और
बयां हमसे होगा नही !
Shayari on khamoshi
बड़े ही पक्के होते हैं सच्ची दोस्ती के रंग
ज़िंदगी के धूप में भी उड़ा नहीं करते !
चाहतों ने किया मुझ पर ऐसा असर
जहाँ देखू में देखु तुझे हमसफ़र
मेरी खामोशियां मेरी ज़ुबान बन गयी
मेरी वैचानिया मेरी दास्तान बन गयी !
खामोशियाँ यूं ही बेवजह नहीं होतीं
कुछ दर्द भी आवाज़ छीन लिया करतें हैं !
रहना चाहते थे साथ उनके पर इस ज़माने ने रहने ना दिया
कभी वक़्त की खामोशी मे ख़ामोश रहे तो
कभी उनकी खामोशी ने कुछ कहने ना दिया !
खामोश बैठे हैं तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं
और ज़रा सा हंस लें तो लोग मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं !
कभी ख़ामोशी बनते हैं कभी आवाज बनते है
हर तन्हाई के साथी मेरे जज्बात बनते हैं !
Dard khamoshi shayari
खामोशियां तेरी मुझसे बातें करती है,
मेरा हर दर्द और हर आह समझती है !
पता है मजबूर है तू और मै भी
फिर भी आंखें तेरे दीदार को तरसती है !
क्यों करते हो मुझसे इतनी ख़ामोश मोहब्बत,
लोग समझते हैं इस बदनसीब का कोई नहीं !
दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है
ऐ दोस्त कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है !
सारी दुनिया के रूठ जाने से मुझे कोई फर्क नहीं
बस एक तेरा खामोश रहना मुझे तकलीफ देता है !
हकीकत में खामोशी कभी भी चुप नहीं रहती
कभी तुम ग़ौर से सुनना बहुत किस्से सुनाती है
khamoshi sad shayari
तेरी खामोशी अगर तेरी मजबूरी है
तो रहने दे इश्क कौन सा जरुरी है !
किताब सी शख्सियत दे ऐ मेरे खुदा
सब कुछ कह दूँ खामोश रहकर !
जब से ग़मों ने मेरी जिंदगी में
अपनी दुनिया बसाई है
दो ही साथी बचे हैं अपने
एक ख़ामोशी और दूसरी तन्हाई है!
इश्क की राहों में जिस दिल ने शोर मचा रखा था
बेवफाई की गलियों से आज वो खामोश निकला!
ये तुफान यूँ ही नहीं आया है
इससे पहले इसकी दस्तक भी आई थी
ये मंजर जो दिख रहा है तेज आंधियों का
इससे पहले यहाँ एक ख़ामोशी भी छाई थी!
बड़ी ख़ामोशी से गुज़र जाते हैं
हम एक दूसरे के करीब से
फिर भी दिलों का शोर सुनाई दे ही जाता है
khamoshi par shayari
हम ख़ामोशी से देते हैं ख़ामोशी का जवाब
कौन कहता हैं अब हम बात नहीं करते!
तेरी ख़ामोशी अगर तेरी मज़बूरी है
तो रहने दे इश्क़ कौन सा जरुरी है!
खामोशी बयां कर देती है सब कुछ
जब दिल का रिश्ता जुड़ जाता है किसी से!
इश्क़ के चर्चे भले ही सारी दुनिया में
होते होंगे पर दिल तो ख़ामोशी से ही टूटते हैं!
जब वो खामोश होती है तब मुझे
दुनिया की सबसे महँगी चीज
उनकीआवाज़ लगती है!
हमारी मोहब्बत जरूर अधूरी रह गयी होगी पिछले जन्म मे
वरना इस जन्म की तेरी ख़ामोशी मुझे इतना बेचैन न करती !
Sad emotional shayari on khamoshi
वो अब हर एक बात का मतलब पूछता है मुझसे फ़राज़
कभी जो मेरी ख़ामोशी की तफ्सील लिखा करता था!
ख़ामोशी में चाहे जितना बेगाना पन हो
लेकिन इक आहट जानी पहचानी होती है!
जब खामोश आँखो से बात होती है
ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है
तुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैं
पता नही कब दिन और कब रात होती है!
मुझे खामोश राहों में तेरा साथ चाहिए
तन्हा है मेरा हाथ तेरा हाथ चाहिए
जूनून ए इश्क को तेरी ही सौगात चाहिए
मुझे जीने के लिए तेरा ही प्यार चाहिए!
खामोशियां तेरी मुझसे बातें करती है
मेरा हर दर्द और हर आह समाजति है
पता है मजबूर है तू और में भी
फ़िर भी आंखें तेरे दीदार को तरस्ती है!
प्यार कोई बोल नहीं प्यार आवाज नहीं
इक ख़ामोशी है सुनती है कहा करती है!
Teri khamoshi shayari
जो सुनता हूँ सुनता हूँ मैं अपनी ख़मोशी से
जो कहती है कहती है मुझ से मेरी ख़ामोशी!
किताबों से ये हुनर सिखा है हमने
सब कुछ छिपाए रखो खुद में मगर ख़ामोशी से !!!
दर्द को दूर ले जाता है
ख़ामोशी अनावश्यक नहीं है
सूरज घाटियों से बाहर आ गया है
फूलों में एक नए रंग की छटा है
तुम चुप क्यों हो अब मुस्कुराओ
तेरी मुस्कान देखने के लिए एक नया सवेरा आया है!
जिन्हों ने सजाये यहा मेले सुख दुख संग संग
झेले वही चुनकर खामोशी यूँ चले जाये अकेले !!
Final words on Khamoshi shayari
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