Garmi shayari

Garmi Shayari : सभी ऋतुओ का अपना कुछ ख़ास महत्व होता है। इनमें से एक है ग्रीष्म ऋतु। गर्मी के मौसम को बहुत कम लोग पसंद करते हैं। परन्तु सबसे अधिक घूमने और छुट्टियों का आनन्द लोग गर्मी में ही उठाते है। बहुत सारे फसलों के पकने के लिए भी गर्मी की आवश्यकता होती है। भले ही गर्मी हमें पसंद न हो पर गर्मी को महत्वहीन नही समझा जा सकता है। तो यदि दोस्तों आप गर्मी से रिलेटेड शायरियो को सर्च कर रहे है। तो आपने बिल्कुल सही साइड का चुनाव किया है।

हमने आज की पोस्ट में आप सभी के लिए गर्मी शायरी का विशाल संग्रह लेकर आए है, तो इसलिए दोस्तो इस पोस्ट में आपको गर्मी के मौसम पर शायरी, गर्मी पर शायरी, Summer quotes in hindi आदि दिए हुए है। इन्हे जरूर पढ़े और दोस्तो के साथ शेयर करे।

Garmi shayari

वो गर्मी में भी सजा देता है ओर सर्दी में दगा देता है
ये सूरज का तेज चमकना हर मौसम में सजा देता है..!!

गर्मी का मौसम धोखे की बहार है
थोड़े आंसू की बौछार है
ओर अपने भी डसने को तैयार है..!!

खुश नही है फिर भी चेहरे पर मुस्कान रखिये
इस खिलखिलाती गर्मी में पानी साथ रखिये..!!

मई-जून से होती गर्मी
तुम्हारी प्यारी बातो में
भीग रहे है मानो दोनो
जुलाई की बरसातो में..!!

अपने आंगन या छत में थोड़ा सा पानी रख देना
प्यासे परिंदे आएंगे तो उन्हे गर्मी से राहत देना..!!

अगस्त का महीना उमस की बहार है
चिलचिलाती धूप में ये जिंदगी बड़ी लाचार है..!!

उसने बोला तू मेरी रानी मैं तेरा राजा
मैंने भी बोल दिया बहुत गर्मी है जानू
चल पहले ले आ फ्रूटी और माजा.!!

तपते सूरज की गर्मी से
जलकर धरती भी तपती
एक बूंद पानी को अब तो
चिड़िया रानी भी तरसी.!!

आज उमस और बारिश
की जंग जारी है कभी
उमस तो कभी बारिश
एक दूसरे पर भारी है..!

Garmi ki shayari

कभी सर्दी कभी गर्मी
का मौसम लगता है
यह मार्च का महीना
शतरंज जैसा लगता है..!

चिंगारियो से कब तक सुलगता
इश्क हमारे दरमियां गर्मी की तपिश
से आखिर मोहब्बत झुलस ही गई..!

तप रही है इमारते
अब कच्चे गांव कहां है
चिलमिलाती धूप में अब
पेड़ो की छांव कहां है..!

गर्मी का मारा वो मुझे बुरे
हाल में मिला उछलता कूदता
मुझे ताल में मिला पसीने से लथपथ
फिर मुझे वो अस्पताल में मिला..!

ना गर्मी सह पाता हूं
ना सह पाता हूं सर्दी
क्योंकि इंसान हूं मैं प्यारे मेरे
पास नहीं है खुदा की वर्दी..!

जिंदगी की हसरतो को
मैंने बस इतना बढ़ाया है
गर्मी में केवल पंखे और मटके
के पानी से काम चलाया है..!

ये सूरज की तेज धूप भी है
अलबेली यह चांद तारो की
महफिल है एक पहेली..!

नील गगन से धरा पर
मानवता से मिलता
जा आ रे पंछी प्यासे
अपनी प्यास बुझा जा..!

 Garmi sad shayari

उफ्फ तेरी यादे और यह गर्मी
दोनो बेहिसाब जलाती है मुझे..!

कोल्ड्रिंक को करो जनाब हेलो हाय
और गर्मी को करो अब टाटा बाय-बाय..!

चाय से लगाव थोड़ा
कम हो गया है गर्मी
के मौसम में देखो
मिल्क रोज हो गया है..!

यह गर्म हवाएं तुम्हे
छूकर आए शायद
तेरी सांसो की गर्मी
मैंने पाई है शायद..!

मेरे आने से महफिल में
थोड़ी गर्मी बड़ी जरूर थी
उतनी सी गर्मी में कुछ
लोगों का जलना जरूरी था..!

क्यो बदनाम करते हो
ग्लोबल वार्मिंग को दोस्तो
गर्मी तो लोगो की आपसी
जलन से बढ़ रही है..!

यह आम भी कितना खास है
गर्मी में पका फिर भी मिठास है..!

ये मार्च से जून की गर्मी क्यो है
कही तुम्हारी नज़दीकियां तो नही..!

 Motivational summer shayari

आओ तुम इस गर्मी
की छांव बन जाओ
मैं तेरा शहर तुम
मेरा गांव बन जाओ..!

आम फलो का राजा
यूं ही नही कहलाता
मीठे का लाजवाब
संतुलन अपने
रस में दिलाता..!

भले ही हमे कोई होमवर्क
दे दो दिन जिंदगी पर इस गर्मी
हमे गर्मी की छुट्टी दे दो जिंदगी..! 

कोई तो होगी वो जगह
जो मेरे गांव सी होगी
गर्मी की लतपथ धूप में
महकती छांव सी होगी..!

डेढ़ महीने के इंतजार
पर फेर दिया पानी
बस कर दो गर्मी
अब अपनी मनमानी..!

गर्मी से ना हारे
उसे ही हरा दीजिए
अपनेपन का एहसास
सभी को करा दीजिए..!

सड़क किनारे लेटा
गरीब चैन से सो रहा है
जो घर के अंदर है बस
गर्मी से परेशान हो रहा है..!

फितरत के मुताबिक किस्मत
फिर गद्दारी करने लगी लॉकडाउन भी
तब खुला जब गर्मी भारी पड़ने लगी..!

 Motivational summer shayari

गर्मी आई गर्मी आई
तपती धूप साथ है
लाई सूरज तपता आसमां
में जमी ने आग बरसाई..!

उस जालिम रात की बात
क्या बताएं हम आपको
जिन गर्म रातो में पसीने
से लथपथ सोना पड़ता है..!

चौबीस घंटे पंखे चलवा के
फोकट में बिजली बिल ना
बड़ा ये गर्मी दम है तो
दिसंबर में आकर दिखा..

उसका होना मेरी जिंदगी
में ज्यादा कुछ नही बस ऐसा
लगता था जैसे जून की तेज
दुपहरी में मटके का ठंडा पानी है वो..!

सुबह शाम बस एक ही आस
मिल जाए थोड़ा ठंडा पानी
और बुझ जाए प्यास..!

पिघल कर पानी हो गया हूं
गर्मी में अब खो गया हूं
रात हो गई है यहां पर फिर भी
मैं गर्मी से बेहाल हो गया हूं..!

मौसम हुआ है बेदर्द
बचकर रहने में भलाई है
चिलमिलाती गर्मी ने ली
अंगड़ाई है इस अंगड़ाई ने
सबकी जान निकलने को आई है..!

बर्फ के गोले मीठे मीठे दशहरी आम
धूप में अंदर बाहर सुबह शाम
पीठ से सरकता पसीना
लो आ गया मई-जून का महीना..!

(Source: VS Creation)

Final words on Garmi shayari


आशा करती हूं कि आप सभी दोस्तों को हमारी टीम द्वारा लिखी गई आज की ब्लॉग पोस्ट garmi shayari पढ़ने के लिए पसंद आई होगी। यदि आपको हमारी टीम द्वारा लिखी गई शायरी पसंद आई है तो आप इसे अपने दोस्तों और पार्टनर के साथ सोशल मीडिया पर शेयर कीजिए। इस पोस्ट से रिलेटेड कोई कमेंट या सुझाव देना चाहते हैं तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके देख सकते है।

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By 2TryKar

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